Friday, 25 September 2015

HINDI BHASHA

हिन्दी (हिन्दी, हिन्दुस्तानी उच्चारण: [ˈhɪndi]) संवैधानिक रूप से भारत की प्रथम राजभाषा और भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है। चीनी के बाद यह विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा भी है। विश्व आर्थिक मंच की गणना के अनुसार यह विश्व की दस शक्तिशाली भाषाओं में से एक है।[3]
हिन्दी और इसकी बोलियाँ उत्तर एवं मध्य भारत के विविध राज्यों में बोली जाती हैं। भारत और अन्य देशों में भी लोग हिन्दी बोलते, पढ़ते और लिखते हैं। फ़िजी, मॉरिशस, गयाना, सूरीनाम की और नेपाल की जनता भी हिन्दी बोलती है।[1] 2001 की भारतीय जनगणना में भारत में ४२.२ करोड़ (422,048,642) लोगों ने हिंदी को अपनी मूल भाषा बताया।[4] भारत के बाहर, हिन्दी बोलने वाले संयुक्त राज्य अमेरिका में 648,983[5]; मॉरीशस में 685,170; दक्षिण अफ्रीका में 890,292; यमन में 232,760; युगांडा में 147,000; सिंगापुर में 5,000; नेपाल में 8 लाख; न्यूजीलैंड में 20,000; जर्मनी में 30,000 हैं।
इसके अलावा भारत, पाकिस्तान और अन्य देशों में १४.१ करोड़ (141,000,000) लोगों द्वारा बोली जाने वाली उर्दू, मौखिक रूप से हिंदी के काफी सामान है। लोगों का एक विशाल बहुमत हिंदी और उर्दू दोनों को ही समझता है। भारत में हिंदी, विभिन्न भारतीय राज्यों की 14 आधिकारिक भाषाओं और क्षेत्र की बोलियों का उपयोग करने वाले लगभग 1 अरब लोगों में से अधिकांश की दूसरी भाषा है।
हिन्दी राष्ट्रभाषा, राजभाषा, सम्पर्क भाषा, जनभाषा के स्तर को पार कर विश्वभाषा बनने की ओर अग्रसर है। भाषा विकास क्षेत्र से जुड़े वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी हिन्दी प्रेमियों के लिए बड़ी सन्तोषजनक है कि आने वाले समय में विश्वस्तर पर अन्तर्राष्ट्रीय महत्त्व की जो चन्द भाषाएँ होंगी उनमें हिन्दी भी प्रमुख होगी।

Friday, 18 September 2015

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KIndergarten के लिए चित्र परिणामकिंडरगार्टन (जर्मन, शाब्दिक अर्थ "बच्चों का बगीचा") छोटे बच्चों के लिए शिक्षा का एक रूप है जो घरेलू शिक्षा से बदल कर अधिक औपचारिक स्कूली शिक्षा में संक्रमित हो गया है। एक और परिभाषा, जो प्रारंभिक बचपन की शिक्षा और प्रीस्कूल को बताती है, के अनुसार यह 6 और 7 साल से कम उम्र के बच्चों का पूर्व (प्री)- और आकस्मिक शिक्षण है। बच्चों को रचनात्मक खेल और सामाजिक बातचीत के माध्यम से ज्ञान दिया जाता है और उनमें बुनियादी कुशलताओं का विकास किया जाता है, साथ ही कभी कभी थोड़ी बहुत औपचारिक शिक्षा भी दी जाती है।
अधिकांश देशों में बालवाड़ी (Kindergarten) प्रारंभिक बचपन की शिक्षा की प्रीस्कूल प्रणाली का हिस्सा है[1] बच्चे आमतौर पर दो साल से सात साल की उम्र के बीच किसी भी समय में बालवाड़ी जाते हैं। यह स्थानीय प्रणाली पर निर्भर करता है।
संयुक्त राज्य अमेरिका और एन्ग्लोफोन कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के हिस्सों (न्यू साउथ वेल्स, तस्मानिया और ऑस्ट्रेलियन केपिटल टेरिटरी) में शिक्षा के पहले साल, या प्राथमिक स्कूल, (कनाडा में, पहले दो साल) के वर्णन के लिए किंडरगार्टन शब्द का उपयोग प्रतिबंधित है। इनमें से कुछ देशों में यह आवश्यक है, की अभिभावक अपने बच्चों को निर्धारित उम्र में ही (आमतौर पर, 5 साल की उम्र में) किंडरगार्टन भेजें. संयुक्त राज्य अमेरिका में, कई राज्य पांच से छह साल की उम्र के बच्चों के लिए व्यापक रूप से एक निःशुल्क किंडरगार्टन वर्ष प्रस्तुत करते हैं, लेकिन यह अनिवार्य नहीं होता, जबकि अन्य राज्यों में पांच साल की उम्र के सभी बच्चों का पंजीकरण अनिवार्य है। शब्द प्रीस्कूल और कम काम में लिया जाने वाला शब्द "प्री-के (Pre-K)," (औपचारिक रूप से, नर्सरी स्कूल) का उपयोग संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रारंभिक आयु वर्ग की शिक्षा के लिए किया जाता है।
ब्रिटिश अंग्रेजी में, नर्सरी या प्लेग्रुप आम शब्द हैं जिनका उपयोग प्रीस्कूल शिक्षा के लिए किया जाता है और किंडरगार्टन शब्द का उपयोग आमतौर पर बहुत कम किया जाता है। शिक्षा के कुछ विशेष दृष्टिकोण के सन्दर्भ में ही इस शब्द का उपयोग किया जाता है जैसे, स्टीनर वालड्रोफ शिक्षा (Steiner-Waldorf education) शिक्षा दर्शन जिसकी स्थापना रुडोल्फ स्टीनर के द्वारा की गयी थी).